सांसद आरके चौधरी ने सेंगोल को राजशाही का प्रतीक बताते हुए हटाने की मांग कर दी, डीएमके ने भी कहा हटाने को

नई दिल्ली
समाजवादी पार्टी के लोकसभा सांसद आरके चौधरी ने संसद भवन में लगे सेंगोल को राजशाही का प्रतीक बताते हुए हटाने की मांग कर दी थी। इसके बाद से ही विवाद जारी है। एक पक्ष ने उनकी मांग को सही ठहराया तो वहीं भाजपा समेत एनडीए के नेताओं ने इसे भारतीय संस्कृति का अपमान करने वाला बताया है। भाजपा ने तो इस मामले में तमिलनाडु की पार्टी डीएमके का भी जवाब मांगा, जो वहां राज्य की सत्ता में है। उसने कहा कि डीएमके को बताना चाहिए कि क्या उसके साथ गठबंधन में शामिल दल की ऐसी मांग ठीक है, जो तमिल संस्कृति का अपमान करने वाली है। दरअसल सेंगोल को तमिलनाडु से ही लाया गया था।

ऐसे में भाजपा को लग रहा था कि वह इसके जरिए डीएमके समेत INDIA अलायंस को घेर लेगी। लेकिन अब डीएमके ने भी कह दिया है कि सेंगोल को हटा देना चाहिए। डीएमके नेता टीकेएस एलानगोवन ने कहा, 'जैसा कि सपा सांसद आरके चौधरी ने कहा कि सेंगोल राजशाही का प्रतीक है। इसे राजा लोग इस्तेमाल करते थे। एक लोकतांत्रिक देश में इसकी कोई जरूरत नहीं है। यह ब्रिटिश शासकों द्वारा जवाहरलाल नेहरू को उपहार के तौर पर दिया गया था। इसकी सही जगह संग्रहालय में ही है। हमारी इस पर कोई राय नहीं है। लेकिन हम समझते हैं कि यदि समाजवादी पार्टी ने ऐसी मांग रखी है तो यह सही ही है।'

सपा सांसद आरके चौधरी ने लोकसभा स्पीकर से उठाई थी क्या मांग
यूपी की मोहनलालगंज लोकसभा सीट से सांसद आरके चौधरी ने लोकसभा स्पीकर को लिखे पत्र में सेंगोल को हटाने की मांग की थी। चौधरी ने कहा था, 'मैं जब शपथ ले रहा था तो वहीं पर सेंगोल लगा देखा। इसका सेंगोल का अर्थ राजदंड से है। राजदंड का मतलब होता है, राजा का दंड। अब जब देश में लोकतंत्र है और व्यवस्था संविधान के अनुसार चल रही है तो फिर इसकी हमें क्या जरूरत है। इसे सदन से हटा देना चाहिए। राजा-रजवाड़ों का शासन खत्म करके ही देश में लोकतंत्र लाया गया था। इसलिए अब इसकी हमें क्या जरूरत है। अब तो देश संविधान से ही चलना चाहिए।'

मीसा भारती भी बोलीं- मांग तो गलत नहीं की, हम भी साथ
इस पर विवाद बढ़ा तो पक्ष और विपक्ष में भी राजनीतिक दल बंट गए। आरके चौधरी का आरजेडी की नेता मीसा भारती ने भी समर्थन किया है। मीसा ने कहा कि जिसने भी यह मांग की है। मैं स्वागत करती हूं। वहीं भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि यह भारतीय संस्कृति का अपमान है। पूनावाला ने कहा, 'समाजवादी पार्टी ने इससे पहले रामचरितमानस का भी अपमान किया था। अब वह भारतीय संस्कृति से जुड़े सेंगोल का अपमान कर रही है। डीएमके को इस पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए कि वह सेंगोल के साथ है या उसका अपमान चाहती है।'

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button